न ऊँचाइयों का डर था, न पानी से खतरा
न चिंता थी ज़माने की, न किसी बात का बुरा लगना
वो भागते हुए दादी की गोदी में छुप जाना
वो बिना किसी को दिखाए मिट्टी खाना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
पापा की मार से बचने के लिए इधर उधर भागना
हर समय माँ के हाथ से ही खाना
वो रातों की बेफिक्र नींद
वो दिन भर दोस्तों के साथ खेलना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
वो चाचा की गोद में कूद के चढ़ना
वो आँख बंद कर भाई बहनों के पीछे भागना
चोट लगे किसी को तो फ़ूक-फ़ूक के ठीक करना
अपने छोटे से बस्ते में पत्थर भरना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
गर्मी लगने पर माँ की आँचल से पसीना पोछवाना
ठंढ लगने पर नानी की बुनी स्वेटर पहनना
वो लड़की की तलवार बना कर दुश्मनों को मारना
माँ की साड़ी में घुस कर टेंट बनाना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
बेफिक्र थी वो ज़िन्दगी खुशियों से भरी
न कोई डर था, न थी कोई उलझन
रहते थे खुद में ही मगन
थी अपनी एक अलग से छोटी सी दुनिया
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है।
न चिंता थी ज़माने की, न किसी बात का बुरा लगना
वो भागते हुए दादी की गोदी में छुप जाना
वो बिना किसी को दिखाए मिट्टी खाना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
पापा की मार से बचने के लिए इधर उधर भागना
हर समय माँ के हाथ से ही खाना
वो रातों की बेफिक्र नींद
वो दिन भर दोस्तों के साथ खेलना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
वो चाचा की गोद में कूद के चढ़ना
वो आँख बंद कर भाई बहनों के पीछे भागना
चोट लगे किसी को तो फ़ूक-फ़ूक के ठीक करना
अपने छोटे से बस्ते में पत्थर भरना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
गर्मी लगने पर माँ की आँचल से पसीना पोछवाना
ठंढ लगने पर नानी की बुनी स्वेटर पहनना
वो लड़की की तलवार बना कर दुश्मनों को मारना
माँ की साड़ी में घुस कर टेंट बनाना
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है
बेफिक्र थी वो ज़िन्दगी खुशियों से भरी
न कोई डर था, न थी कोई उलझन
रहते थे खुद में ही मगन
थी अपनी एक अलग से छोटी सी दुनिया
जब भी याद आते हैं वो दिन, दिल भर सा जाता है
ऐ बचपन, तू बहुत याद आता है।
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