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Showing posts from April, 2017

बचपन, तू बहुत याद आता है|

न ऊँचाइयों का डर था, न पानी से खतरा न चिंता थी ज़माने की, न किसी बात का बुरा लगना वो भागते हुए दादी की गोदी में छुप जाना